सोमवार, 27 अगस्त 2012

आरती गणेश जी की


 

                          जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .
                          माता जाकी पारवती पिता महादेवा ..
                   एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी 
                   माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी .
                          पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
                          लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ..
                   अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया 
                   बाँझन को पुत्र देत निर्धन को मा
                          सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा 
                          जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..

कोई टिप्पणी नहीं:

पृष्ठ